राज्य के दस हजार से अधिक शिक्षक तबादला कराने के इच्छुक हैं। तबादले के इच्छुक किसी शिक्षक ने अपनी मां और पत्नी की बीमारी को कारण बताया है तो किसी ने अपनी वर्तमान पोस्टिंग को पति की पोस्टिंग वाली जगह से काफी दूर बताया है। कोई शिक्षक अपने गांव की पंचायत से तंग है तो किसी ने ससुर को दिल की बीमारी होने की बिनाह पर तबादला चाहा है। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिनके पति या पत्नी की रीढ़ की हड्डी ठीक नहीं है। उन्हें देखभाल के लिए तबादला चाहिए। ज्यादातर शिक्षक लंबे समय से एक ही स्थान पर टिके हैं और उनकी घर से स्कूल की दूरी काफी अधिक है। इसलिए उन्हें राहत के लिए तबादले की सख्त जरूरत है। शिक्षकों ने आनलाइन तबादला आवेदनों में तबादले के लिए ये कारण बताए हैं। विभाग ने पहली बार आनलाइन तबादला आवेदन मांगे हैं। शिक्षा विभाग को 30 जून को तबादला सूची जारी करनी थी। तबादला आवेदन अधिक संख्या में आ जाने से शिक्षा अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हैं। शिक्षा विभाग ने तबादलों संबंधी इन अनुरोध को तीन श्रेणियों लेक्चरर, मास्टर और गैर शिक्षक कर्मचारी में बांटकर अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है, ताकि उसमें किसी भी तरह की गलती की गुंजाइश को आखिरी समय तक सुधारा जा सके। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विदेश से लौट आने और तबादला अनुरोध में बताए गए कारणों की बारीकी से पड़ताल करने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा फाइनल सूची बनाई जाएगी। शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि एक ही स्थान पर तबादला चाहने वालों की लंबी कतार है। इसके लिए
विधायकों ने सिफारिशी पत्र भेजे हुए हैं। इस समस्या से निपटने की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री पर छोड़ दी गई है। शिक्षा विभाग में तबादला सूची 10 से 15 जुलाई तक तैयार होने की उम्मीद है। विभाग प्राथमिक तौर पर म्युचुअल (आपसी रजामंदी से एक दूसरे के स्थान पर तबादला अनुरोध) तथा तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर काम कर रहे शिक्षकों के खाली पदों पर तबादलों को प्राथमिकता दे सकता है। जहां अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं, उन पदों के विरुद्ध आवेदनों पर फिलहाल गौर नहीं होगा।
SOURCE:DAINIK JAGRAN
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