चैंपियंस लीग ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला आईपीएल की दो टीमों मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर के बीच रविवार को यहां खेला जाएगा। इसमें मुंबई के यार्करमैन लसित मलिंगा और शानदार फॉर्म में चल रहे बंगलोर के तूफानी बल्लेबाजों क्रिस गेल तथा विराट कोहली के बीच जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद है।
मुंबई ने इंग्लैंड के समरसेट को मलिंगा की जबरदस्त गेंदबाजी से हराकर खिताबी मुकाबले में स्थान बनाने के साथ-साथ बंगलोर के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। मुंबई को जहां गेल और विराट के तूफान को रोकना होगा वहीं बंगलोर को मलिंगा की यार्कर गेंदो से बचना होगा।
मलिंगा बनाम गेल-विराट के मुकाबले में जो भी जीतेगा उसी के सिर चैंपियंस लीग का ताज सजेगा। मुंबई के लिए गेल और विराट को थामना लोहे के चने चबाने जैसा होगा। दोनों ने अब तक टूर्नामेंट में अपनी प्रचंड आक्रामकता से सबके लिए खतरे की घंटी बजा दी है और गोल्डन बैट के अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं।
हालांकि न्यू साउथ वेल्स के ओपनर डेविड वार्नर 328 रन बनाकर गोल्डन बैट की होड़ में फिलहाल सबसे आगे हैं लेकिन सेमीफाइनल में उनकी टीम के बेंगलोर के ही हाथों हार जाने के कारण गेल और विराट को एक अतिरिक्त अवसर मिल गया है।
गेल टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची अब 252 रन के साथ दूसरे नंबर पर आ गए हैं जबकि विराट 221 रन के साथ चौथे नंबर पर हैं। इस तरह इन दोनों में से किसी एक की बड़ी पारी उन्हें गोल्डन बैट का हकदार बना सकती है।
जैसे-जैसे टूर्नामेंट परवान चढ़ा वैसे-वैसे कोहली अपने विराट रूप में आते गए। पिछले लगातार दोनों मैचों में अपनी शानदार अर्धशतकीय पारियों से वह मैन ऑफ द मैच चुने गए। जिन हालात में उन्होंने अपनी टीम को विषम परिस्थितियों से उबार कर उसे जीत की मंजिल तक पहुंचाया है, उसे देखकर किसी भी गेंदबाज के होश फाख्ता हो सकते हैं।
विराट ने अब तक 157.85 की स्ट्राइक रेट और 55.25 के औसत से धमाकेदार बल्लेबाजी की है। इस दौरान वह 22 चौके और 10 छक्के उड़ाकर 221 रन बना चुके हैं। खासकर पिछले दो मैचों में खेली गई उनकी जीवट पारी की जबरदस्त तारीफ हो रही है।
वहीं गेल ने 190.90 की स्ट्राइक रेट और 50.40 के औसत से 252 रन ठोके हैं1 इस तरह गोल्डन बैट की होड में गेल वार्नर से 76 और विराट 107 रन पीछे हैं। गेल ने सेमीफाइनल में 41 गेंद पर 92 रन और बंगलोर के तीसरे ग्रुप मैच में समरसेट के खिलाफ 46 गेंदों में 86 रन की धुआंधार पारी खेली थी। उन्होंने अब तक 14 चौके और 24 गगनचुंबी छक्के जड़े हैं। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले बल्लेबाज हैं।
इन दोनों के शानदार फॉर्म के कारण बंगलोर का बल्लेबाजी पक्ष को लेकर जहां निश्चिंत होगा वहीं गेंदबाजी उसके लिए परेशानी का सबब बनी रहेगी। पूरे टूर्नामेंट में टीम की गेंदबाजी लचर रही है और लगातार रिकॉर्डतोड़ जीतों के बावजूद उसे इस पक्ष पर बहुत कुछ विचार करने की जरूरत है।
विराट और गेल के अलावा श्रीलंकाई ओपनर तिलकरत्ने दिलशान ने भी अपनी कातिलाना बल्लेबाजी से विपक्षी टीमों के लिए खौफ पैदा किया है। इस टूर्नामेंट में दिलशान 119 रन बना चुके हैं। कप्तान डेनियल विटोरी उम्मीद करेंगे कि यह त्रिमूर्ति फाइनल में टीम की नैया पार लगा सके।
रॉयल चैलेंजर्स के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि टूर्नामेंट का फाइनल चेन्नई में खेला जाएगा। बंगलोर में अपनी घरेलू पिच पर एक के बाद एक कर कई रिकॉर्ड तोड़ डाले लेकिन अब चेन्नई में स्थितियां अलग होंगी। वहां स्पिन की मददगार पिच पर बंगलोर को खासी परेशानी भी आ सकती है।
खुद कप्तान विटोरी कबूल चुके हैं कि बंगलोर की पिच बेजान रहने से वहां बड़े स्कोर बने और मेजबान टीम अपनी मजबूत बल्लेबाजी के दम पर जीत दर्ज कर सकी। अब चेन्नई में स्पिन को मदद देने वाली पिच पर उसके बल्लेबाजों को अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करना पड़ेगा।
बंगलोर के लिए सुकून की बात हो सकती है कि विटोरी खुद एक विश्व स्तरीय स्पिनर हैं। टूर्नामेंट में हालांकि अब तक वह अपनी लय में नहीं दिखे हैं लेकिन चेन्नई में अनुकूल पिच मिलने पर शायद कुछ कर पाएं। टीम के अन्य गेंदबाज भी अब तक अपना प्रभाव नहीं छोड पाए हैं लेकिन खिताब पर कब्जा करने के लिए उन्हें लय में लौटना ही होगा।\
मुंबई ने इंग्लैंड के समरसेट को मलिंगा की जबरदस्त गेंदबाजी से हराकर खिताबी मुकाबले में स्थान बनाने के साथ-साथ बंगलोर के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। मुंबई को जहां गेल और विराट के तूफान को रोकना होगा वहीं बंगलोर को मलिंगा की यार्कर गेंदो से बचना होगा।
मलिंगा बनाम गेल-विराट के मुकाबले में जो भी जीतेगा उसी के सिर चैंपियंस लीग का ताज सजेगा। मुंबई के लिए गेल और विराट को थामना लोहे के चने चबाने जैसा होगा। दोनों ने अब तक टूर्नामेंट में अपनी प्रचंड आक्रामकता से सबके लिए खतरे की घंटी बजा दी है और गोल्डन बैट के अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं।
हालांकि न्यू साउथ वेल्स के ओपनर डेविड वार्नर 328 रन बनाकर गोल्डन बैट की होड़ में फिलहाल सबसे आगे हैं लेकिन सेमीफाइनल में उनकी टीम के बेंगलोर के ही हाथों हार जाने के कारण गेल और विराट को एक अतिरिक्त अवसर मिल गया है।
गेल टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची अब 252 रन के साथ दूसरे नंबर पर आ गए हैं जबकि विराट 221 रन के साथ चौथे नंबर पर हैं। इस तरह इन दोनों में से किसी एक की बड़ी पारी उन्हें गोल्डन बैट का हकदार बना सकती है।
जैसे-जैसे टूर्नामेंट परवान चढ़ा वैसे-वैसे कोहली अपने विराट रूप में आते गए। पिछले लगातार दोनों मैचों में अपनी शानदार अर्धशतकीय पारियों से वह मैन ऑफ द मैच चुने गए। जिन हालात में उन्होंने अपनी टीम को विषम परिस्थितियों से उबार कर उसे जीत की मंजिल तक पहुंचाया है, उसे देखकर किसी भी गेंदबाज के होश फाख्ता हो सकते हैं।
विराट ने अब तक 157.85 की स्ट्राइक रेट और 55.25 के औसत से धमाकेदार बल्लेबाजी की है। इस दौरान वह 22 चौके और 10 छक्के उड़ाकर 221 रन बना चुके हैं। खासकर पिछले दो मैचों में खेली गई उनकी जीवट पारी की जबरदस्त तारीफ हो रही है।
वहीं गेल ने 190.90 की स्ट्राइक रेट और 50.40 के औसत से 252 रन ठोके हैं1 इस तरह गोल्डन बैट की होड में गेल वार्नर से 76 और विराट 107 रन पीछे हैं। गेल ने सेमीफाइनल में 41 गेंद पर 92 रन और बंगलोर के तीसरे ग्रुप मैच में समरसेट के खिलाफ 46 गेंदों में 86 रन की धुआंधार पारी खेली थी। उन्होंने अब तक 14 चौके और 24 गगनचुंबी छक्के जड़े हैं। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले बल्लेबाज हैं।
इन दोनों के शानदार फॉर्म के कारण बंगलोर का बल्लेबाजी पक्ष को लेकर जहां निश्चिंत होगा वहीं गेंदबाजी उसके लिए परेशानी का सबब बनी रहेगी। पूरे टूर्नामेंट में टीम की गेंदबाजी लचर रही है और लगातार रिकॉर्डतोड़ जीतों के बावजूद उसे इस पक्ष पर बहुत कुछ विचार करने की जरूरत है।
विराट और गेल के अलावा श्रीलंकाई ओपनर तिलकरत्ने दिलशान ने भी अपनी कातिलाना बल्लेबाजी से विपक्षी टीमों के लिए खौफ पैदा किया है। इस टूर्नामेंट में दिलशान 119 रन बना चुके हैं। कप्तान डेनियल विटोरी उम्मीद करेंगे कि यह त्रिमूर्ति फाइनल में टीम की नैया पार लगा सके।
रॉयल चैलेंजर्स के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि टूर्नामेंट का फाइनल चेन्नई में खेला जाएगा। बंगलोर में अपनी घरेलू पिच पर एक के बाद एक कर कई रिकॉर्ड तोड़ डाले लेकिन अब चेन्नई में स्थितियां अलग होंगी। वहां स्पिन की मददगार पिच पर बंगलोर को खासी परेशानी भी आ सकती है।
खुद कप्तान विटोरी कबूल चुके हैं कि बंगलोर की पिच बेजान रहने से वहां बड़े स्कोर बने और मेजबान टीम अपनी मजबूत बल्लेबाजी के दम पर जीत दर्ज कर सकी। अब चेन्नई में स्पिन को मदद देने वाली पिच पर उसके बल्लेबाजों को अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करना पड़ेगा।
बंगलोर के लिए सुकून की बात हो सकती है कि विटोरी खुद एक विश्व स्तरीय स्पिनर हैं। टूर्नामेंट में हालांकि अब तक वह अपनी लय में नहीं दिखे हैं लेकिन चेन्नई में अनुकूल पिच मिलने पर शायद कुछ कर पाएं। टीम के अन्य गेंदबाज भी अब तक अपना प्रभाव नहीं छोड पाए हैं लेकिन खिताब पर कब्जा करने के लिए उन्हें लय में लौटना ही होगा।\
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