दो सालों तक टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम से बाहर रहने वाले ऑलराउंडर इरफान पठान ने अपनी वापसी के लिए खूब मेहनत की और आज उसका परिणाम सबके सामने है। इरफान ने अपना अंतिम एक दिवसीय मैच श्रीलंका के खिलाफ 2009 में खेला था, जबकि उनका अंतरराष्ट्रीय पदार्पण 2003 में हुआ था।
इरफान ने 107 वनडे मैचों की 29.91 के औसत से कुल 152 विकेट हासिल किए हैं। यही नहीं वे भारत के लिए 29 टेस्ट मैच भी खेले और टेस्ट की 54 पारियों में विकेटों का शतक पूरा किया। 2005 में इरफान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 27 रन की कीमत पर 5 विकेट हासिल करने का कारनामा किया था। एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
टेस्ट मैचों में भी इरफान का बल्ला काफी चला है। इरफान के नाम 29 टेस्ट में 31.57 के औसत से 110 5 रन हैं जबकि वनडे में उन्होंने पांच अर्धशतक के साथ 22:80 के औसत से 1 हजार 368 रन अपने नाम के आगे लिखवाए हैं।
प्रवीण कुमार के चोटिल होने और जहीर खान की फिटनेस समस्या से ग्रस्त होने के कारण माना जा रहा था कि चयनकर्ता इरफान को मौका दे सकते हैं।
यूं भी घरेलू क्रिकेट में इरफान ने 500 से ज्यादा विकेट हासिल किए हैं और उन्हें लंबा अनुभव है, लिहाजा चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज नहीं किया और 9 दिसम्बर को वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में खेले जाने वाले चोथे और 11 दिसम्बर को चेन्नई में खेले जाने वाले पांचवें वनडे की टीम में शामिल किया है।
इरफान ने बताया कि उन्हें पूरा भरोसा था कि घरेलू क्रिकेट में बहाया गया पसीना बेकार नहीं जाएगा और वे पुन: टीम इंडिया में अपनी वापसी करेंगे।
उन्होंने कहा कि पांच वनडे मैचों की सिरीज में फिलहाल तीसरे वनडे के बाद भारत 2-1 से आगे है और उन्हें इंदौर में अंतिम 11 में शामिल किया जाता है तो वे अपनी ओर से टीम इंडिया को जीत दिलवाने और सिरीज का फैसला भारत के पक्ष में करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।
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