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ममता ने फेंका 'पेट्रोल बम'

संप्रग सरकार के खिलाफ एक तरह से विद्रोह का स्वर बुलंद करते हुए उसके सबसे बड़े सहयोगी घटक तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पेट्रोल के दामों में वृद्धि पर गठबंधन से हटने की धमकी दी और कोई अहम फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बातचीत का समय मांगा है।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने यहां राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा हमारे समर्थन वापस लेने से सरकार गिर सकती है लेकिन चूंकि प्रधानमंत्री बाहर हैं इसलिए हम उनसे बातचीत करना चाहते हैं और उनसे मिलने के लिए समय मांगा है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संप्रग से समर्थन वापस लेने का प्रस्ताव ममता बनर्जी को सौंपा, जिसके बाद उन्होंने कहा कोई अहम फैसला लेने से पहले बातचीत करने की जरूरत है। वर्ष 2009 में संप्रग-2 सरकार के गठन के बाद से कांग्रेस पर अपने पहले हमले में ममता ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री के विदेश से वापस आने के बाद आठ नवंबर से 10 नवंबर के बीच उनकी सुविधानुसार समय मांगेगी।

उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि पेट्रोल के दाम बढ़ाने को लेकर फैसला प्रधानमंत्री की गैर मौजूदगी में लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल की एक आपात बैठक में सहयोगी दलों से सलाह लिए बिना इस बारे में कांग्रेस के एकपक्षीय फैसले को लेकर संप्रग का साथ छोड़ने की राय बनी है।

उन्होंने संप्रग में समन्वय और सहयोग की कमी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘हम चुप रहे हैं और कैबिनेट में हमें नहीं सुना जाता। हमारे एक मात्र कैबिनेट मंत्री दिनेश त्रिवेदी जब जनता से जुड़ा कोई मुद्दा उठाते हैं तो उन्हें चुप रहने के लिए कहा जाता है। हमने बहुत बर्दाश्त कर लिया और सामंजस्य कर लिया।

ममता ने कहा कि संप्रग सरकार चलाने के लिए कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस, राकांपा और द्रमुक जैसे सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर रहना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस बड़ी पार्टी हो सकती है और हम छोटे दल हो सकते हैं। लेकिन केंद्र में उन्हें अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं है। वे सहयोगी दलों के समर्थन पर आश्रित हैं। तृणमूल अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश नहीं कर रहीं।


ममता ने कहा प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में कोई फैसला लेने से देश का नाम खराब होता है। उन्होंने कहा मैंने पेट्रोल के दामों में ताजा बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश से बातचीत की। मेरे पार्टी सहयोगी मुकुल रॉय ने कल रात केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से भी संपर्क किया था जिन्होंने इस मामले में बेबसी प्रदर्शित की।

कल केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी द्वारा डीजल और एलपीजी के दामों में भी जल्दी वृद्धि का संकेत दिए जाने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा यह अस्वीकार्य है कि मानव जीवन का मूल्य कम होगा और डीजल के दाम बढ़ेंगे।

ममता ने कहा कि अटकलें हैं कि एलपीजी के सिलेंडर का दाम आगामी दिनों में 900 रुपए हो जाएगा। उन्होंने कहा यह गंभीर बात है। उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम गिरते हैं तो भारत में पेट्रोल की दरें क्यों नहीं कम होतीं।

ममता ने कहा, ‘‘सरकार किसी से सलाहलिए बिना एकपक्षीय तरीके से पेट्रोल, कैरोसीन तेल, एलपीजी और यहां तक कि कोयले के भी दाम बढ़ाती है। मैं कई मुद्दों पर चुप रही यहां तक कि हाल ही में कोयले के दाम बढ़ाए गए तब भी। दो साल से मैंने यह सब सहन किया जबकि आम आदमी पर दबाव बढ़ रहा है। इससे पहले पश्चिम बंगाल के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करने वाली ममता ने भुगतान नहीं होने के आधार पर बिजली परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति बंद करने को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा जनता के मुद्दों पर किसी को नेता की भूमिका अदा करनी होगी। अगर हम बलिदान देते हैं और उससे जनता को मदद मिलती है तो ऐसा होने दो। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आज एकपक्षीय तरीके से पेट्रोल के दामों में वृद्धि पर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि सरकार से समर्थन वापसी का फैसला ममता बनर्जी पर छोड़ा गया है।

लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने एक आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल इस तरह का फैसला लेते वक्त सहयोगियों को अंधेरे में रखने पर संप्रग सरकार के प्रति कड़ा विरोध दर्ज कराता है। उन्होंने कहा कि सरकार से समर्थन वापसी के संबंध में फैसला ममता बनर्जी लेंगी।



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